45.अभिज्ञान शाकुंतलम नाटक
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- Publication date
- 2021-10-24
- Usage
- Public Domain Mark 1.0
- Topics
- स्वदेशी विचार क्रांति
- Collection
- booksbylanguage_hindi; booksbylanguage
- Language
- Hindi
राजीव भाई ने अपने पूरे जीवन मे देश भर मे घूम-घूम कर 5000 से ज्यादा व्याख्यान दिये। सन 2005 तक वह भारत के पूर्व से पश्चिम , उत्तर से दक्षिण चार बार भ्रमण कर चुके थे । उन्होने विदेशी कंपनियो की नाक मे दम कर रखा था । भारत के राष्ट्रीय - विदेशी किसी भी मीडिया चैनल ने उनको दिखाने का साहस नहीं किया ।क्योकि वह देश से जुडे ऐसे मुद्दो पर बात करते थे की एक बार लोग सुन ले तो देश मे सन1857 से बडी क्रांति हो जाती हैं। वह ऐसे ओजस्वी वक्ता थे जिनकी वाणी पर माँ सरस्वती साक्षात निवास करती थी। जब वे बोलते थे तो स्रोता घण्टों मन्त्र-मुग्ध होकर उनको सुना करते थे । 30 नवम्बर 1967 को जन्मऔर 30 नवंबर 2010 को ही संसार छोडने वाले ज्ञान के महासागर भाईश्री राजीव दीक्षित जी आज केवल आवाज के रूप मे हम सबके बीच जिंदा है उनके जाने के बाद भी उनकी आवाज आज देश के लाखो करोडो लोगो का मार्गदर्शन कर रही है और भारत को भारत की मान्यताओं के आधार पर खडा करने आखिरी उम्मीद बनी हुई है ।
- Addeddate
- 2021-10-24 06:08:05
- Identifier
- 45.abhigyan-shakuntalam-natak
- Identifier-ark
- ark:/13960/t6846hp4p
- Ocr
- tesseract 5.0.0-beta-20210815
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- Ppi
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- Scanner
- Internet Archive HTML5 Uploader 1.6.4
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Hindi : Books by Language Books by LanguageUploaded by SVADESHI VICHAR YATRA on